यह उस ज़माने की कहानी है जब गाँव के बच्चे शहरों में पढ़ने जाते थे और उनके माँ-बाप उन्हे मनीऑर्डर या बै... यह उस ज़माने की कहानी है जब गाँव के बच्चे शहरों में पढ़ने जाते थे और उनके माँ-बाप ...
लेकिन तस्वीर तो आखिर तस्वीर ही होती है उसमें नहीं होता किसी दुपट्टे के सरसराने का अहसास, किसी जिस्म ... लेकिन तस्वीर तो आखिर तस्वीर ही होती है उसमें नहीं होता किसी दुपट्टे के सरसराने क...
शरद ऋतु गरीबों के लिए अभिशाप। शरद ऋतु गरीबों के लिए अभिशाप।